देश के सिपाही मोहित धुर्वे को जामवन्त कुमरे जयस प्रदेश संयोजक ने नम आंखों से श्रधांजलि दी
- Jamvant Singh Kumre
- 26 दिस॰ 2024
- 2 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 15 जन॰
जवान_मोहित_धुर्वे_को_श्रधांजलि, विगत 21 दिसम्बर 2024 को फिरोजपुर पदस्थ गनर मोहित धुर्वे की सड़क हादसे में मौत हो गयी थी, जिनको ससम्मान विदाई

दी गई थी वीर जवान सिपाही मोहित धुर्वे(ग्राम भुड़की, बैतूल) के असमय हादसे में निधन से शोकाकुल परिवार में पारंपरिक विधान से बन्ना(श्रधांजलि) कार्यक्रम दिनाँक 25 दिसम्बरको संम्पन्न हुआ जिसमें जामवन्त सिंह कुमरे जयस प्रदेश संयोजक ने पहुँचकर नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की!
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उनकी कुर्बानी केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे परिवार की है।
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जामवन्त कुमरे ने कहा जब कोई जवान शहीद होता है, तो उसके परिवार के हर सदस्य के हृदय पर गहरा आघात होता है।
वे अपने परिवार, सपनों और सुख-सुविधाओं को त्यागकर देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर देते हैं, अधिकतर समय परिवार को ना देकर देश की सेवा में होते है, परन्तु यदि ऐसे जवान दुनिया को अलविदा करते है तब और भी ज्यादा पीड़ा के दौर से गुजरने वाला परिवार होता है।
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देश के जवान: हमारी शान और सम्मान "देश" के वीर जवान हमारी धरती के सच्चे रक्षक हैं। वे वो नायक हैं, जिनकी वजह से हम अपने घरों में सुरक्षित और निडर महसूस करते हैं। उनके साहस, समर्पण और बलिदान को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। वे अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात हमारी सुरक्षा में लगे रहते हैं, चाहे वह सीमाओं की रक्षा हो, आतंकवाद से लड़ाई हो, या प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की सहायता करना हो। जवानों का जीवन त्याग और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।
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देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करना हमारा कर्तव्य है
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हमें न केवल उनके बलिदान को याद रखना चाहिए, बल्कि उनके आदर्शों को भी अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उनका देशप्रेम, अनुशासन और साहस हमें प्रेरणा देता है। उनकी स्मृति में सिर्फ श्रद्धांजलि देना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उनके परिवारों की देखभाल और उनके सपनों को साकार करने का प्रयास करना भी हमारा दायित्व है। आज जब हम स्वतंत्रता और शांति का आनंद लेते हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि इसके पीछे हमारे जवानों की मेहनत और कुर्बानी छिपी है। हमें उनके प्रति हमेशा आभारी रहना चाहिए और उनकी विरासत को सहेजकर आगे बढ़ाना चाहिए
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